हिन्दी की कविता, लघुगीत, बालगीत, फिल्म गीत, गजल, शायरी, धार्मिक लोकगीत का विशाल संकलन
(राग कान्हरौ )
मोसों होरी खेलन आयौ । लटपटी पाग, अटपटे बैनन, नैनन बीच सुहायौ ॥ डगर-डगर में, बगर-बगर में, सबहिंन के मन भायौ । 'आनँदघन' प्रभु कर दृग मींड़त, हँसि-हँसि कंठ लगायौ ॥
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