हिन्दी की कविता, लघुगीत, बालगीत, फिल्म गीत, गजल, शायरी, धार्मिक लोकगीत का विशाल संकलन
(राग केदारौ)
पकरि बस कीने री नँदलाल । काजर दियौ खिलार राधिका, मुख सों मसलि गुलाल ॥ चपल चलन कों अति ही अरबर, छूटि न सके प्रेम के जाल । सूधे किये बंक ब्रजमोहन, 'आनँदघन' रस-ख्याल ॥
रीतिकाल के महान कवि घनानंद; बिहारीलाल के पश्चात् सबसे लोकप्रिय कवि हैं।
रीतिकाल के महान कवि घनानंद; बिहारीलाल के पश्चात् सबसे लोकप्रिय कवि हैं।
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