हिन्दी साहित्य काव्य संकलन: सौंदर्यबोध

बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

सौंदर्यबोध

सौंदर्यबोध - (कवि - अरुण कुमार नागपाल)

लॉन में ख़ुश्बू बिखराते
सफ़ेद ,गुलाबी, पीले फूल
लगते हैं उसे
अपने बच्चों की तरह
पर उसी लॉन में
घास पर बैठे हुए
माली के बच्चे
चुभते हैं उसे शूल की तरह
कितना अजीब है
उसका सौंदर्यबोध.



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