हिन्दी की कविता, लघुगीत, बालगीत, फिल्म गीत, गजल, शायरी, धार्मिक लोकगीत का विशाल संकलन
जन्मी है शक्ति गरीब की उपजाऊ धरती से बेबसी में ही बढ़ी है हमारी महान सामर्थ्य
दो मुझे दो शक्ति जिसे हृदय ने रोपा है जिसे रोप कर काटा है आदमी ने और मापा है फांसी के फंदों से.
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