हिन्दी साहित्य काव्य संकलन: जल गगन मगन

सोमवार, 12 मार्च 2012

जल गगन मगन

जल गगन मगन - (कवि - गगन गिल)

जल गगन मगन

दुख नगन नगन

आँख जलन जलन

नींद चलन चलन
तारे भगन भगन

सपने अगन अगन

विष जलन जलन

पीर चलन चलन
पांव थकन थकन

प्यास जगन बुझन

हिचकी भरन भरन

माया हिरन हिरन



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