हिन्दी साहित्य काव्य संकलन: स्मृति : एक हादसा

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

स्मृति : एक हादसा

स्मृति : एक हादसा - (कवि - नरेन्द्र मोहन)

आगे देखते हुए
पीछे देखना
और पीछे देखते हुए
आज को फलांग
आगे की अटकलें
एक हिक़मत

पीछे त्रास, सामने लोभ और
आगे ‘कुछ भी नहीं’ का अंधेरा
स्मृति एक तार है
आगे-पीछे खिंचता
टूटता-टूटता
न टूटता
कोई अज्ञात संकेत या आशंका
इतिहास के खेल में
स्मृति
एक हादसा ।



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