हिन्दी साहित्य काव्य संकलन: कौन पढ़ेगा ?

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

कौन पढ़ेगा ?

कौन पढ़ेगा ? - (कवि - नरेन्द्र मोहन)

रंगों की बुनावट में चमक है
अब भी

चमक में छिपा है कोई संदेश
कल का
कल के लिए

गिरती दीवारों पर अंकित है
एक अबूझ लिपि

कौन पढ़ेगा
ढहती इमारत की भाषा ?



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