हिन्दी साहित्य काव्य संकलन: शिव स्तुति

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

शिव स्तुति

शिव स्तुति - (कवि - कमलानंद सिंह 'साहित्य सरोज')

वरनि सकति नहिं लघुमति मेरी अद्भुत महिमा हर की।
गुण विरोध सब रहत एक में शंका कछु नहिं डर की॥
नाशत है सब जगत जीव को शिव निज नाम धरावे।
भिक्षा करि राखत है जीवन विश्वंभर कहलावे॥
है निरोग पर बने हैं शूली राखि द्विजि एव दयाल।
विष करि पान भये मृत्यंजय अमृतभय तत्काल॥
असम नैन सभ सब उपर राखत अपन विचार।
करहु दया दुखिया सरोज पे लागहु वेगि गुह वेगि गुहार॥



सभी रचनायें देखने के लिये क्लिक करें
http://www.hindisahitya.org

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें